मेरी बड़ी बहन, मुझे कुछ ज्यादा ही चाहती है! मेरी बड़ी बहन, मुझे कुछ ज्यादा ही चाहती है!
रक्षा बंधन आता है जब, मैं राखी लेकर आती हूँ, इंतजार करके तेरा, मैं तो थक ही जाती हूँ। रक्षा बंधन आता है जब, मैं राखी लेकर आती हूँ, इंतजार करके तेरा, मैं तो थक ही ज...
मन के कैनवास पर हज़ारों रंग आवाजाही करते है कौन से रंग में ढालूँ खुद को...! बचपन छूटता जा रहा है,... मन के कैनवास पर हज़ारों रंग आवाजाही करते है कौन से रंग में ढालूँ खुद को...! ब...
ना जाने कब बड़ी हो गई ना जाने कब बड़ी हो गई
तेरे आंचल की छांव में तेरे आंचल की छांव में
उसकी सहमति ने याचिका के लिए एक नीलामी पैकेट भेजा। इसे देखकर आदमी गुस्से में है। तुरंत उसकी सहमति ने याचिका के लिए एक नीलामी पैकेट भेजा। इसे देखकर आदमी गुस्से में है। ...